केंद्र सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से अपने उस फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है जिसके तहत 1 अप्रैल से खातों पर मिनिमम बैलेंस न रखने पर फाइन लगने की बात कही गयी है। सरकार ने एसबीआई के साथ-साथ सभी निजी बैंकों से भी पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने बैंकों से ट्रांजैक्शन शुल्क वसूलने के फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है। साथ ही सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से खातों में न्यूनतम बैलेंस न होने पर पेनल्टी लगाने के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है।
आपको बता दें कि एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक ने फैसला लिया है कि वे अपने अकाउंट होल्डर्स से कैश ट्रांजैक्शन्स करने की तय सीमा से अधिक बार ट्रांजैक्शन करने पर अतरिक्त चार्ज वसूलेंगे। इसके अलावा बैंकों ने कुछ ऐसी सर्विसेज पर भी चार्ज लगाने की घोषणा की है जो अब तक फ्री हुआ करती थीं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में दूसरे बैंक भी ऐसे ही नियम ला सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने बैंकों से ट्रांजैक्शन शुल्क वसूलने के फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है। साथ ही सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से खातों में न्यूनतम बैलेंस न होने पर पेनल्टी लगाने के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है।
आपको बता दें कि एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक ने फैसला लिया है कि वे अपने अकाउंट होल्डर्स से कैश ट्रांजैक्शन्स करने की तय सीमा से अधिक बार ट्रांजैक्शन करने पर अतरिक्त चार्ज वसूलेंगे। इसके अलावा बैंकों ने कुछ ऐसी सर्विसेज पर भी चार्ज लगाने की घोषणा की है जो अब तक फ्री हुआ करती थीं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में दूसरे बैंक भी ऐसे ही नियम ला सकते हैं।
Source: MarketTimesTv
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