चालू रबी सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद निर्धारित समय से पहले शुरू करने का फैसला किया गया है। मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान की मंडियों में गेहूं की फसल आने लगी है। इसके मद्देनजर इन मंडियों में सरकारी खरीद एक अप्रैल के बजाय 15 मार्च से शुरू करने का फैसला किया गया है। खाद्य मंत्रलय के इस फैसले से यहां के किसानों को राहत मिलेगी।
खाद्य मंत्रलय ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियों को गेहूं खरीद में तत्परता बरतने का निर्देश दिया है। दरअसल मध्य प्रदेश और गुजरात सरकार ने केंद्रीय खाद्य मंत्रलय को पत्र लिखकर गेहूं की सरकारी खरीद जल्दी शुरू करने का आग्रह किया है। हालांकि राजस्थान की भी कई मंडियों में गेहूं की आवक चालू हो गई है, लेकिन वहां की सरकार की ओर से केंद्र को फिलहाल कोई पत्र नहीं प्राप्त हुआ है। जबकि खाद्य मंत्रलय ने वहां के लिए भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
चालू रबी सीजन में गेहूं की अब तक की सर्वाधिक
9.67 करोड़ टन की पैदावार होने संभावना है जो पिछले सीजन के 9.23 करोड़ टन से बहुत अधिक है। मानसून की अच्छी बारिश, जमीन में संतोषजनक नमी और नीतिगत तैयारियों के चलते रबी फसलों की बंपर पैदावार होने का अनुमान है। इसके मद्देनजर एफसीआई ने 3.3 करोड़ टन अनाज खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले सीजन में केवल 2.3 करोड़ टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी।
गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं की अगैती फसल तैयार हो चुकी है। उनकी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सुनिश्चित करने को कहा गया है। गेहूं की इस खरीद से सरकार को पैदावार, बाजार में मांग व आपूर्ति और मौजूदा कीमतों के साथ गेहूं आयात पर रोक लगाने जैसे फैसले लेने में मदद मिलेगी। एमएसपी से कम मूल्य पर आयात हो रहे गेहूं से घरेलू बाजार पर विपरीत असर पड़ने की संभावना है। हालांकि फिलहाल आयातित गेहूं की आपूर्ति दक्षिणी रायों में हो रही है।
Source:MarketTimesTv
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