डेविस जैन के मुताबिक देश में सोयाबीन का भाव करीब 5 साल के निचले स्तर तक आ गया है, ऊपर से सोयाबीन की बुआई का सीजन सामने है, ऐसे में कम भाव को देखते हुए किसान इस साल सोयाबीन की बुआई घटा सकते हैं। भाव को ऊपर उठाने के लिए तुरंत प्रभाव से सोया तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने की जरूरत है।
सोपा ने क्रूड सोया तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 37.5 फीसदी और रिफाइंड सोया तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 45 फीसदी करने की मांग की है। फिलहाल क्रूड सोयाबीन तेल पर 12.5 फीसदी और रिफाइंड पर 20 फीसदी आयात शुल्क लगता है।
डेविस जैन के मुताबिक रुपये में आई तेजी और अप्रैल के दौरान सोयामील के निर्यात में कमी की वजह से सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आई है, ऊपर से गर्मियों में घरेलू स्तर पर भी सोयामील की मांग कम हो जाती है जिस वजह से भाव पर ज्यादा दबाव है।
गुरुवार को घरेलू वायदा बाजार में सोयाबीन का भाव 2,720 रुपये
प्रति क्विंटल के निचले स्तर पर देखा गया है जो करीब 5 साल में सबसे कम भाव है। केंद्र सरकार ने 2016-17 सीजन के लिए सोयाबीन का समर्थन मूल्य 2,775 रुपये
प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ है और भाव समर्थन मूल्य से भी नीचे आ चुका है।
Source: MarketTimesTv
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