पीएमआई रिपोर्ट की लेखक और आईएचएस की अर्थशास्त्री पॉलियाना डे लिमा ने कहा, पीएमआई के मार्च के आंकड़े भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में सकारात्मक रुख दिखाते हैं। कारखानों में नये आर्डर और उत्पादन बढ़ने की रफ्तार तेज हुई है। इससे कई कारखानों में कच्चे माल की खरीद बढ़ी है और नई भर्तियां भी हुईं हैं। दाम के मोर्चे पर रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे माल की लागत और उत्पादन शुल्क आदि दोनों ही बढ़े हैं फिर भी फरवरी सें मुद्रास्फीति में नरमी आई है। मार्च में मुद्रास्फीति पिछले चार माह में सबसे धीमी रही है। यह दीर्घकालिक सर्वे औसत से भी नीचे रही है। लीमा ने कहा, कच्चे माल की लागत वृद्धि की गति धीमी रहने से 96 प्रतिशत उत्पादकों ने पिछले महीने अपने माल के बिक्री मूल्य अपरिवर्तित रखे हैं।
मार्च में विनिर्माताओं का व्यावसायिक विश्वास मजबूत हुआ है, इसलिये आने वाले महीनों में परिदृश्य मजबूती का दिखाई देता है। सर्वे में भाग लेने वाले हर पांचवें कारोबारी ने अगले 12 माह के दौरान उत्पादन स्तर उंचा रहने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, तैयार सामान के स्टॉक में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। इसके साथ ही वर्ष के आगामी महीनों के लिये कारोबारियों में विश्वास काफी मजबूत देखा जा रहा है।
Source: MarketTimesTv
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