महेश पलावत ने बताया कि 2014 और 2015 में भी देश में अलनीनो की वजह से लगातार दो साल मानसून सीजन में बहुत कम बरसात हुई थी और लगातार दो साल सूखे का सामना करना पड़ा था। इस साल भी अगर बरसात स्काइमेट के अनुमान के मुताबिक होती है तो खरीफ फसलों की पैदावार पर असर पड़ सकता है।
मानसून को लेकर स्काइमेट के अलावा दूसरे अंतरराष्ट्रीय मॉडल भी कुछ इसी तरह की आशंका जता रहे हैं, हालांकि भारतीय मौसम विभाग की तरफ से इसको लेकर अभी किसी तरह का अनुमान जारी नहीं हुआ है, मौसम विभाग अगले महीने मॉनसून को लेकर अपना पहला अनुमान जारी करेगा।
Source: MarketTimesTv
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