गौरतलब है कि देश से कुछ चुनिंदा तेलों के निर्यात की इजाजत थी और निर्यात भी 5 किलो या इससे छोटी पैकिंग में बाध्य किया गया था। साथ में निर्यात के लिए 900 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य निर्धारित किया गया था। लेकिन अब वनस्पति तेल इकाइयां और तेल निर्यातक सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल, तिल तेल और मक्का तेल को किसी भी पैकिंग में एक्सपोर्ट कर सकेंगे।
देश में इस साल तिलहन का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है जिस वजह से घरेलू मार्केट में खाद्य तेल की सप्लाई अच्छी रह सकती है। ऐसे में किसानों को उनके तिलहन का जायज भाव दिलाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
इससे पहले पिछले हफ्ते भी सरकार ने इंडस्ट्री के हितों को देखते हुए सूरजमुखी बीज पर आयात शुल्क को 30 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया था। इंडस्ट्री लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी।
Source: MarketTimesTv
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