सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक SOPA ने रिफाइंड सोया तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी को मौजूदा 20 फीसदी से बढ़ाकर 45 फीसदी और क्रूड सोयाबीन तेल पर मौजूदा 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 37.5 फीसदी करने की मांग की है।
SOPA का तर्क है कि देश में वनस्पति तेलों के लगातार बढ़ रहे आयात की वजह से घरेलू मार्केट में वनस्पति तेल और तिलहन की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है जिस वजह से किसानों के साथ वनस्पति तेल उद्योग को भी घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
SOPA के मुताबिक जनवरी की शुरुआत में देश में रिफाइंड सोयाबीन तेल का भाव 73,500 रुपये
प्रति टन था और अब भाव घटकर 64,000 रुपये
प्रति टन तक आ गया है। इसी तरह जनवरी की शुरुआत में सोयाबीन का भाव 31,000 रुपये
प्रति टन था जो अब घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि 27,750 रुपये
प्रति क्विंटल से भी नीचे आ गया है। ऐसे में इंडस्ट्री और किसानों के हितों की रक्षा के लिए इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाना जरूरी है।
Source: MarketTimesTv
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