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Wednesday, November 23, 2016

गेहूं की बुआई के भ्रामक आंकड़े, करीब 20 लाख हेक्टेयर पीछे है बुआई




गेहूं की बुआई के जो आंकड़े सरकार की ओर से जारी हो रहे हैं वह पहली नजर में काफी भ्रामक हैं और ऐसा लग रहा है कि गेहूं की खेती सामान्य चल रही है क्योंकि बुआई की तुलना पिछले साल हुई खेती से की जा रही है। लेकिन इस साल गेहूं की बुआई की तुलना अगर पिछले 5 साल की औसत बुआई से की जाए तो पता चल रहा है कि गेहूं का रकबा औसत के मुकाबले करीब 20 लाख हेक्टेयर पिछड़ा हुआ है।


गेहूं की बुआई के आंकड़ों से फैल रहा है भ्रम बुआई पिछले साल से तो आगे लेकिन औसत से बहुत पीछे औसत के मुकाबले करीब 20 लाख हेक्टेयर पिछड़ा है रकबा सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 17 नवंबर तक देशभर में 79.40 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई दर्शाई गई है और पिछले साल इस दौरान 78.83 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई थी। लेकिन पिछले 5 साल का औसत देखें तो सामान्य तौर पर 17 नवंबर तक करीब 99 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हो जाती है।


पिछले साल देश में गेहूं की बुआई काफी कम रही ती जिस वजह से पैदावार में भी गिरावट दर्ज की गई थी, इस साल भी अबतक अधिकतर राज्यों में मौसम बुआई के अनुकूल नहीं है, ज्यादातर राज्यों में किसान बुआई से पहले बरसात का इंतजार कर रहे हैं।


इस साल मानसून सीजन में तो बरसात लगभग सामान्य रही है लेकिन मानसून सीजन बीत जाने के बाद बरसात की भारी कमी दर्ज की गई है, जिस वजह से गेहूं की खेती औसत के मुकाबले काफी पीछे रह गई है। मौसम विभाग के मुताबिक पोस्ट मानसून सीजन में 17 नवंबर तक देशभर में औसत के मुकाबले करीब 39 फीसदी कम बरसात दर्ज की गई है। 

पहली अक्टूबर से लेकर 17 नवंबर तक देशभर में सिर्फ 60.9 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान 99.4 मिलीमीटर बरसात होती है। बरसात की कमी अगर आगे भी बनी रहती है तो गेहूं की खेती पर बहुत खराब असर पड़ेगा।