GST के
प्रावधानों के मुताबिक कम
टैक्स से मिलने वाले
फायदे ग्राहकों को नहीं देने
वाले कारोबारियों को जुर्माने का
सामना करना पड़ेगा और
उनका लाइसेंस भी रद्द हो
सकता है। मंगलवार को
जारी किए गए नए
एंटी.प्रॉफिटिअरिंग रूल्स के मुताबिक पांच
सदस्यीय नेशनल एंटी.प्रॉफिटिअरिंग अथॉरिटी
को कम टैक्स के
जितनी कीमतों में कमी के
लिए मजबूर करने की शक्ति
दी गई है। किसी
फर्म के ऐसा न
करने पर उस पर
पैनेल्टी लगाई जा सकती
है या उसका रजिस्ट्रेशन
भी रद्द हो सकता
है।
इस अथॉरिटी के प्रमुख, सेक्रटरी लेवल के एक अधिकारी होंगे। इसके पास कम टैक्स का फायदा ग्राहकों को नहीं देने वाले किसी कारोबारी को इस वजह से मिलने वाले गैर.वाजिब मुनाफे को 18 पर्सेंट के इंट्रेस्ट के साथ लौटाने के लिए मजबूर करने की शक्ति होगी। अथॉरिटी ग्राहकों को कीमतों में कमी कर टैक्स का फायदा देने को तय करने के तरीके पर खुद फैसला करेगी।
लिखित में दी जाने वाली सभी शिकायतों पर विचार करने के लिए एंटी.प्रॉफिटिअरिंग पर एक नैशनल लेवल की स्टैंडिंग कमेटी होगी। इसके अलावा प्रत्येक राज्य स्थानीय समस्याओं की जांच के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटिी बनाएगा। शिकायत की शुरुआती जांच के लिए दो महीने की सीमा तय की गई है। स्क्रीनिंग कमिटी अपने निष्कर्ष स्टैंडिंग कमेटी को भेजेगी।
अगर शुरुआती नजर में मामला बनेगा तो उसे उपयुक्त जांच के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफगार्ड्स के पास भेजा जाएगा। डायरेक्टर जनरल तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट अथॉरिटी को देंगे। इसके बाद अथॉरिटी बहुमत से फैसला करेगी।
सभी एंटिटीज को अथॉरिटी की ओर से पास किए गए ऑर्डर का पालन करना होगा। ऐसा न करने पर उनसे जीएसटी कानून के अनुसार रकम वसूली जाएगी। अथॉरिटी के चेयरमैन और मेंबर्स की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। इसके लिए जीएसटी काउंसिल की ओर से बनाई गई एक सिलेक्शन कमिटी सरकार को सुझाव देगी। चेयरमेन को 2.25 लाख के मासिक वेतन के अलावा केंद्र सरकार के समान पद पर तैनात अधिकारी को मिलने वाले अन्य भत्ते और लाभ दिए जाएंगे। टेक्निकल मेंबर्स को 2,05,400 रुपये का मासिक वेतन मिलेगा।
ग्रांट थ्रॉनटन इंडिया के पार्टनर सुरेश नंदलाल रोहिरा ने कहा कि ये नियम दोधारी तलवार की तरह दिख रहे हैं। उनका कहना था, ‘यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी वैध कमी का फायदा ग्राहक को दिया जाए। हालांकि, इंडस्ट्री को इस बात की चिंता होगी कि उस पर प्राइस में गैर वाजिब कटौती करने के लिए दबाव न डाला जाए।’ नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर मार्केट टाइम्स के टीवी को भी आप फ्री सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Source: MarketTimesTv
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