रविवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम उपयोग की जाने वाली और जरुरी चीजों पर से टैक्स में कटौती की गई है। काउंसिल ने कारोबारियों के लिए कम कंप्लाएंस वाली स्कीम में टर्नओवर लीमिट को भी बढ़ाया गया है। साथ ही आॅडिट से जुड़े नियमों में भी बदलाव किए गए हैं अचार, साॅस, फ्रूट स्टोरेज, इंसुलिन, काजू गिरी, स्कूल बैग, क्लियरिंग बुक्स, नोट बुक्स, प्रिंटर्स, कटलरी, ट्रैक्टर के टायर, अगरबत्ती और सिनेमा टिकट जैसे 66 आइटम्स पर टैक्स रेट में बदलाव किए गए हैं। 3 तारीख को हुई काउंसिल मीटिंग के दौरान रेट्स को रिवाइज़ करने की सिफारिशों के मद्दे नजर ऐसा किया गया है।
75 लाख रुपए तक टर्नओवार वाले रेस्ट्रोडेन्टस, मैन्युफैक्चरर्स और ट्रेडर्स कंपोजिशन स्कीम का लाभ 5,2 और 1 फिसदी की दर से ले सकेंगे। पहले टर्नओवर की लिमिट 50 लाख रुपये रखी गई थी। टेक्सटाइल्स, जेम्स ऐंड जूलरी सेक्टर्स में मैन्युफैक्चरिंग या जॉब वर्क की आउटसोर्सिंग पर 5 पर्सेंट जीएसटी लगेगा। मानव बाल की ब्लीचिंग और सफाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
महंगाई को कम किया
काउंसिल अध्यक्ष वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया, फिटमेंट कमेटी की सिफारिशों पर गौर करने के बाद 66 आइटम्स पर टैक्स रेट्स घटाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा, 133 प्रतिवेदन मिले थे, जिनपर गहराई से विचार किया गया।
जेटली ने कहा, हमारी ओर से तय सभी रेट्स का वेटेड ऐवरेज आज जो हम लोग टैक्स चुका रहे हैं, उसके मुकाबले काफी कम है। अगर बाकी चीजों में बदलाव नहीं आया तो राजस्व के मामले में नकारात्मक असर पड़ेगा, लेकिन हम राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद भी कर रहे हैं। उम्मीद है कि महंगाई कम हेागी और जीएसटी से हमारे नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
इनके आइटम्स पर टैक्स कम किया गया
पैकेज्ड फूड कैटिगरी में अचार, मस्टर्ड सॉस, केचप, फ्रूट प्रिजर्व्स और सैंंडविच टॉपिंग जैसी चीजों को 18 फिसदी टैक्स रेट की कैटिगरी से 12 फिसदी टैक्स रेट की कैटेगरी में लाया गया है। अगरबत्ती पर पहले 12 फिसदी टैक्स रेट तय किया गया था जिसे कम करके 5 फिसदी की कैटेगरी में लाया गया है। स्कूल बैग्स पर 28 फिसदी के बजाय 18 फिसदी और एक्सरसाइज बुक्स (कापियों) पर 18 के बजाए 12 फिसदी टैक्स लगेगा। कलरिंग बुक्स पर पहले 12 फिसदी टैक्स का प्रस्ताव था जिसपर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। स्टील कटलरी 18 फिसदी टैक्स रेट से निकाल कर 12 फिसदी पर लाई गई है। और कंप्यूटर प्रिंटर्स पर अब 28 के बजाए 18 फिसदी टैक्स लगेगा। फ्लाई ऐश से बनी ईंटों और ब्लॉक्स पर 12 पर्सेंट टैक्स लगेगा।
100 रुपये से कम के सिनेमा टिकटों पर 18 फिसदी जीएसटी लगेगा जबकि इससे ज्यादा कीमत के टिकटों पर 28 फिसदी टैक्स लिया जाएगा। जेटली ने कहा, कन्जयूमर्स को रेट्स घटने से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि राज्य चाहें तो रीजनल सिनेमा पर स्टेट जीएसटी को रिफंड कर सकते हैं, लेकिन सेंट्रल जीएसटी में छूट नहीं दी जा सकती है। टेक्सटाइल्स और जेम्स ऐंड जूलरी सेक्टरों में वर्कर्स घर से भी काम करते हैं। काम की ऐसी आउटसोर्सिंग के मामले में 18 पर्सेंट के स्टैंडर्ड रेट के बजाय 5 फिसदी टैक्स लगेगा।
अब 18 जून को अगली मीटिंग
जेटली ने कहा कि काउंसिल की अगली मीटिंग 18 जून को होगी, जिसमें बाकी मुद्दों पर निर्णय किया जाएगा। इनमें लॉटरी और ई.वे बिल्स के टैक्सेशन के मसले शामिल हैं। ई.वे बिल का मामला राज्यों के बीच गुड्स के ट्रांसपोर्ट से जुड़ा है। अधिकारियों की एक कमिटी एंटी.प्रॉफिटियरिंग लॉ के लिए मैकेनिज्म को अंतिम रूप देने में जुटी है।
1 जुलाई से ही लागू होगा जीएसटी
राज्यों और केंद्र के स्तर पर लगने वाले कई करों की जगह पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने की तैयारी है। इंडस्ट्री के कुछ हिस्सों से इसे लागू करने की तारीख खिसकाए जाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार इसमें और देर नहीं करना चाहती है।
जेटली ने कहा, श्इसे किसी भी तारीख से लागू किया जाएए कुछ लोग तो कहेंगे कि वे तैयार नहीं हैं। इसलिए ऐसे लोगों के लिए तैयार होने के अलावा और कोई विकल्प अब नहीं है।श् ट्रांजिशन रूल्स इतने नरम किए गए हैं कि किसी को भी डीस्टॉकिंग या स्टॉकिंग में दिक्कत नहीं होगी। हमें नहीं लगता कि मार्केट में किसी कमोडिटी की तंगी पैदा होगी।
Source: MarketTimesTv
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