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Tuesday, June 6, 2017

कमोडिटी बाजार : एनर्जी : कतर से विवाद बढ़ने पर क्रूड में तेजी






गल्फ देशों के बीच विवाद बढ़ने की वजह से क्रूड कीमतों में तेजी देखने को मिली है। सऊदी अरब सहित 7 देशों के कतर से संबंध तोड़ने के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को 1.5 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है। कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड 50.74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया। कतर एल.एन.जी. का सबसे बड़ा विक्रेता है, वहीं देश से क्रूड का एक्सपोर्ट भी होता है। मार्कीट को आशंका है कि कतर के साथ विवाद बढऩे की आशंका है जिससे क्रूड पर असर देखने को मिल सकता है। हाल ही में ओपेक ने क्रूड ऑयल के प्रोडक्शन में कटौती की सीमा को अगले साल तक बढ़ाने की मंजूरी दी थी। कतर और सऊदी अरब दोनों ही ओपेक के सदस्य हैं।

पिछले एक महीने के दौरान ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 3 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है। हालांकि इस दौरान क्रूड की कीमत पर ओपेक की बैठक का पूरा असर देखने को मिला है। मई में ओपेक की बैठक तक 13 सैशन में ब्रेंट 10 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा था। वहीं ओपेक की बैठक के बाद 9 सैशन में ब्रेंट 6 प्रतिशत से ज्यादा टूटा है। पिछले एक साल के दौरान ब्रेंट क्रूड का साल का उच्चतम स्तर 60.21 डॉलर प्रति बैरल रहा है। वहीं इस दौरान क्रूड 46.47 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे गया है। एक महीने में क्रूड में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला।

भारत के कतर के साथ ही इकोनॉमिक रिलेशन काफी मजबूत हैं। भारत से कतर को होने वाला एक्सपोर्ट 2014-15 में 100 करोड़ डॉलर से ऊपर पहुंच गया। वहीं, दोनों देशों के बीच 1567 करोड़ डॉलर का ट्रेड है। कतर के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा नैचुरल गैस भंडार है। वहीं भारत अपनी कुल गैस जरूरत का 65 प्रतिशत कतर से लेता है। भारत को एक्सपोर्ट होने वाली गैस कतर के कुल एक्सपोर्ट का 15 प्रतिशत है।

वहीं, सऊदी अरब भारत की तेल जरूरतों को करीब 20 प्रतिशत पूरा करता है। भारत से होने वाले कुल एक्सपोर्ट का 3.6 प्रतिशत हिस्सा सऊदी अरब का है। 2015 में भारत का सऊदी अरब को एक्सपोर्ट करीब 700 करोड़ डॉलर का था।  वहीं इसी दौरान सऊदी अरब से भारत ने करीब 2140 करोड़ डॉलर का सामान खरीदा। इसमें बड़ा हिस्सा क्रूड, कैमिकल्स, फर्टीलाइजर शामिल हैं।   






Source: MarketTimesTv









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