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Wednesday, June 28, 2017

कमोडिटी बाजार : एनर्जी : कच्चे तेल को लेकर 24 जुलाई को अहम बैठक, रुस में होगी ओपेक देशों की बैठक






ओपेक देशों के प्रतिनिधि मंडल ने साफ किया है कि फिलहाल कच्चे तेल के उत्पादन में किसी तरह के कोई बदलाव नहीं किए जा रहे हैं और ना ही नाइजीयिा और लिबिया के उत्पादन में कमी के लिए किसी तरह का कोई दबाव बनाया जा रहा है और उन्हें कच्चे तेल उत्पादन में कमी करने के करार के बीच लाया जा रहा है। कच्चे तेल पर फैसला जुलाई में रुस में होने वाली बैठक में लिया जाएगा।

ओपेक और गैर ओपेक देशों के मई 25 को हुई बैठक में कच्चे तेल में उत्पादन में कमी का करार 2018 तक बढ़ाने पर सहमति बन चुकी थी। लेकिन अमेरिका, नाइजीरिया और लीबिया के कच्चे तेल में उत्पादन को बढ़ाने के चलते कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। साथ ही ईरान को भी कच्चे तेल उत्पादन में कमी के करार से राहत दी गई थी, क्योंकि ईरान पर पश्चिमी देशों के कारोबारी प्रतिबंध के चलते ईरान का कच्चे तेल का बाजार प्रतिशत कम हो गया था जिसके चलते ईरान को बाजार में अपने कारोबार के हुए नुकसान की भरपाई हो सके। 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में आ रही बड़ी गिरावट को रोकने के लिए ओपेक देश अपने चालू उत्पादन को और कम करने पर विचार कर सकते हैं। ओपेक देश इसे एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। दूसरे विकल्प के तौर पर नाइजीरिया और लीबिया के कच्चे तेल उत्पादन पर सीमा लगाई जा सकती है ताकि बाजार को नियन्त्रित किया जा सके। 

हालांकि तीसरे विकल्प पर भी ओपेक देश विचार कर रहे हैं लेकिन इस विचार पर असमजंस है। दरअसल, बाजार में हुए कच्चे तेल के सौदे कैंसिल करने पर भी ओपेक देश विचार कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल नाइजीरिया और लीबिया कैंसिल हुए सौदों को सप्लाई कर सकते हैं इसलिए तीसरे विकल्प पर ओपेक देश तबतक विचार नहीं करना चाहते जबतक कि नाइजीरिया और लीबिया कच्चे तेल उत्पादन की सीमा के करार में नहीं आते। 

हालांकि ईरान के मुताबिक ओपेक देश कच्चे तेल के उत्पादन में कमी पर विचार कर रहे हैं लेकिन फिलहाल कच्चे तेल के उत्पादन में जो पिछे कटौती की गई थी उसके असर से आए परिणाम नजदीक से जांचने की जरुरत है। बाजार पर उस कटौती का क्या प्रभाव दिखाई दिया ? हालांकि 11 जून को रुस ने कहा था कि कच्चे तेल के उत्पादन कटौती पर पुनः विचार करने की आवश्यकता नहीं है, इसे जारी रखना चाहिए। साऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद एल-फलाई के मुताबिक बाजार सही दिशा की तरफ है। 

वहीं नाइजीरिया ने कहा है कि वो ओपेक के कच्चे तेल उत्पादन में कटौती के करार में आने का इच्छुक है अगर कच्चे तेल का उत्पादन बढ़कर 18 लाख बैरल प्रतिदिन पर आता है। नाइजीरिया कच्चे तेल का निर्यात बड़ी मात्रा मंे कर रहा है। 

वहीं लीबिया जुलाई में अपने कच्चे तेल के उत्पादन जोकि 6,50,000 बैरल प्रतिदिन है को बढ़ाकर 10 लाख बैरल प्रतिदिन करने जा रहा है।





Source: MarketTimesTv









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