इन फैसलों के अलावा पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन 10 मई को 'नो परचेज़ डे' (कोई खरीद नहीं दिवस) के रूप में मनाएगी, ताकि मांगों पर ज़ोर दिया जा सके|
सूत्रों की माने तो तेल मार्केटिंग कंपनियों ने "लिखित में दिया हुआ अपना वादा पूरा नहीं किया, जिसमें उन्होंने अपूर्व चंद्र कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक डीलरों को मार्जिन देना था|
पेट्रोल पंप मालिकों ने जनवरी में डिजिटल भुगतानों पर लगने वाले कर के विरोध में क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड के ज़रिये भुगतान लेने से मना करने की चेतावनी दी थी, और उस समय सरकार को दखल देना पड़ा था|
चूंकि देश में डीज़ल की मांग कम हुई है, इसलिए 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए पिछले वित्तवर्ष के दौरान भारत में ईंधन की खपत पांच फीसदी की धीमी गति से बढ़ी. तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनैलिसिस सेल (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता भारत में वर्ष 2016-17 के दौरान ईंधन और पेट्रोलियम उत्पादों की मांग 194.2 मिलियन टन रही, जबकि उससे पिछले वित्तवर्ष के दौरान यह 184.6 मिलियन टन रही थी. नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर मार्केट टाइम्स के टीवी को भी आप फ्री सब्सक्राइब कर सकते हैं।
Source: MarketTimesTv
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