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Monday, April 24, 2017

कमोडिटी बाजार : एग्री कमोडिटी : खाद्य तेल: क्रूड और रिफाइंड वनस्पति तेल के आयात शुल्क का अंतर 15% करने की मांग





देश में वनस्पति तेल के लगातार बढ़ते इंपोर्ट को देखते हुए देश में तेल और तिलहन इंडस्ट्री के संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन यानि SEA ने सरकार से मांग की है कि क्रूड और रिफाइंड वनस्पति तेल के आयात शुल्क में अंतर को बढ़ाकर 15 फीसदी करे, फिलहाल यह अंतर 7.5 फीसदी है। फिलहाल देश में पाम ऑयल को छोड़ अन्य वनस्पति तेलों पर ज्यादा इंपोर्ट ड्यूटी है।

सरकार ने सितंबर में क्रूड पाम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 12.5 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी और रिफाइंड पाम ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया था। अन्य सभी क्रूड वनस्पति तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5 फीसदी और रिफाइंड तेलों पर 20 फीसदी बनी हुई है।

फिलहाल सभी क्रूड और रिफाइंड वनस्पति तेलों के आयात शुल्क में 7.5 फीसदी का अंतर है और SEA मांग कर रहा है कि इस अंतर को बढ़ाकर 15 फीसदी तक किया जाए ताकि घरेलू स्तर पर रिफाइंड तेलों का आयात कम हो सके।

SEA के मुताबिक मौजूदा ऑयल वर्ष 2016-17 के पहले 5 महीने यानि नवंबर 2016 से मार्च 2017 के दौरान देश में आरबीडी पामोलीन का आयात 11.4 लाख टन दर्ज किया गया है जो कुल पाम ऑयल आयात का करीब 32 फीसदी है। इंडस्ट्री का कहना है कि वाले दिनों में आरबीडी पामोलीन आयात के आयात का ट्रेंड बढ़ सकता है ऐसे में क्रूड और रिफाइंड वनस्पति तेलों के आयात शुल्क का अंतर बढ़ाना जरूरी है। 




Source: MarketTimesTv











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