जुलाई
से लागू होने वाले
गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) व्यवस्था
में सर्विस सेक्टर पर
18 प्रतिशत टैक्स रेट
लगाया जा सकता है,
जो कि वर्तमान में
15 प्रतिशत है। राजस्व
सचिव हसमुख अधिया ने गुरुवार को
कहा कि इस वजह
से देश में सेवाएं
थोड़ी महंगी हो जाएंगी। अधिया
ने कहा कि हां,
सर्विस सेक्टर के
लिए स्टैंडर्ड रेट
18 प्रतिशत रह सकता है।
हालांकि वर्तमान में जो सेवाएं
इसके दायरे से बाहर हैं,
जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और
कृषि, को जीएसटी में
भी छूट के दायरे
में रखा जा सकता
है। उन्होंने कहा
कि वर्तमान में जो भी
छूट की सूची में
हैं उन्हें आगे
भी ये लाभ मिलता
रहे हम यह सुनिश्चित
करेंगे। हम इसकी सिफारिश
जीएसटी परिषद को करेंगे और
वह इस पर विचार
करेगी। जहां तक संभावना
है परिषद इस पर राजी
हो जाएगी। एक जुलाई से
लागू होने वाले गुड्स
एंड सर्विसेस टैक्स (GST) व्यवस्था में
सर्विस सेक्टर पर
18 प्रतिशत टैक्स रेट
लगाया जा सकता है,
जो कि वर्तमान में
15 प्रतिशत है। राजस्व
सचिव हसमुख अधिया ने गुरुवार को
कहा कि इस वजह
से देश में सेवाएं
थोड़ी महंगी हो जाएंगी। अधिया
ने कहा कि हां,
सर्विस सेक्टर के
लिए स्टैंडर्ड रेट
18 प्रतिशत रह सकता है।
हालांकि वर्तमान में जो सेवाएं
इसके दायरे से बाहर हैं,
जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और
कृषि, को जीएसटी में
भी छूट के दायरे
में रखा जा सकता
है। उन्होंने कहा
कि वर्तमान में जो भी
छूट की सूची में
हैं उन्हें आगे
भी ये लाभ मिलता
रहे हम यह सुनिश्चित
करेंगे। हम इसकी सिफारिश
जीएसटी परिषद को करेंगे और
वह इस पर विचार
करेगी। जहां तक संभावना
है परिषद इस पर राजी
हो जाएगी। एक जुलाई से
लागू होने वाले गुड्स
एंड सर्विसेस टैक्स (GST) व्यवस्था में
सर्विस सेक्टर पर
18 प्रतिशत टैक्स रेट
लगाया जा सकता है,
जो कि वर्तमान में
15 प्रतिशत है। राजस्व
सचिव हसमुख अधिया ने गुरुवार को
कहा कि इस वजह
से देश में सेवाएं
थोड़ी महंगी हो जाएंगी। अधिया
ने कहा कि हां,
सर्विस सेक्टर के
लिए स्टैंडर्ड रेट
18 प्रतिशत रह सकता है।
हालांकि वर्तमान में जो सेवाएं
इसके दायरे से बाहर हैं,
जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और
कृषि, को जीएसटी में
भी छूट के दायरे
में रखा जा सकता
है। उन्होंने कहा
कि वर्तमान में जो भी
छूट की सूची में
हैं उन्हें आगे
भी ये लाभ मिलता
रहे हम यह सुनिश्चित
करेंगे। हम इसकी सिफारिश
जीएसटी परिषद को करेंगे और
वह इस पर विचार
करेगी। जहां तक संभावना
है परिषद इस पर राजी
हो जाएगी।
एक जुलाई से लागू होने वाले गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) व्यवस्था में सर्विस सेक्टर पर
18 प्रतिशत टैक्स रेट लगाया जा सकता है, जो कि वर्तमान में
15 प्रतिशत है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने गुरुवार को कहा कि इस वजह से देश में सेवाएं थोड़ी महंगी हो जाएंगी।
अधिया ने कहा कि हां,
सर्विस सेक्टर के लिए स्टैंडर्ड रेट
18 प्रतिशत रह सकता है। हालांकि वर्तमान में जो सेवाएं इसके दायरे से बाहर हैं,
जैसे स्वास्थ्य,
शिक्षा और कृषि,
को जीएसटी में भी छूट के दायरे में रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो भी छूट की सूची में हैं उन्हें आगे भी ये लाभ मिलता रहे हम यह सुनिश्चित करेंगे। हम इसकी सिफारिश जीएसटी परिषद को करेंगे और वह इस पर विचार करेगी। जहां तक संभावना है परिषद इस पर राजी हो जाएगी।
वर्तमान में सर्विस सेक्टर पर
14 प्रतिशत टैक्स की दर तय है और इसके अलावा आधा-आधा प्रतिशत की दर से दो अतिरिक्त सेस-स्वच्छ भारत सेस और कृषि कल्याण सेस- भी लगाए जाते हैं। इससे सर्विस टैक्स की कुल दर
15 प्रतिशत हो जाती है।
जीएसटी कानून कहता है कि किसान भले ही उसकी सालाना कमाई
20 लाख रुपए से अधिक हो,
वह जीएसटी के तहत नहीं आता है।
Source: MarketTimesTv
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