जनवरी में सेबी ने कमोडिटी एक्सचेंजों के प्लेटफॉर्म पर ट्रेड होने वाली कमोडिटीज के लिए नियम जारी किए थे जिनके मुताबिक वायदा बाजार में सिर्फ वहीं कमोडिटी ट्रेड हो सकेगी जो बीते 3 सालों में से किसी एक साल में 500 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर दिखाने में कामयाब हुई होगी। बीते 3 साल में किसी भी एक साल में अगर किसी कमोडिटी का 500 करोड़ रुपये या इससे अधिक का टर्नओवर नहीं हुआ होगा तो उस कमोडिटी को वायदा बाजार से हटना पड़ेगा।
नई कमोडिटीज को वायदा बाजार के दायरे में लाने के लिए भी सेबी ने कुछ नियम तय किए हैं जिनको कमोडिटी एक्सचेंजों को पूरा करना पड़ेगा। भविष्य में वायदा बाजार में किसी भी कमोडिटीज की लॉन्चिंग हाजिर बाजार में होने वाले उसके कारोबार और वॉल्यूम पर निर्भर करेगी। जिन कमोडिटीज का हाजिर बाजार में अच्छा वॉल्यूम है उन्हीं को वायदा बाजार में भी जगह मिल सकती है।
अंतरराष्ट्रीय महत्व वाली कमोडिटीज को वायदा बाजार पर लिस्ट होने में मदद मिल सकती है क्योंकि इससे प्राइस डिस्कवरी ज्यादा अच्छी तरह होती है। जिन कमोडिटीज की वेल्यू चेन बड़ी है और देश में ज्यादा बड़े हिस्से में उनका कारोबार होता है उनके लिए वायदा बाजार में लिस्ट होने में प्राथमिकता होगी।
Source: MarketTimesTv
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