भाव का अनुमान बढ़ा
ICAC की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2016-17 कपास
वर्ष के दौरान कपास के भाव का इंडेक्स यानि कॉटलुक इंडेक्स बढ़कर 77 सेंट प्रति पाउंड रहने का अनुमान है, इससे पहले फरवरी की शुरुआत में जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि 2016-17 के दौरान कॉटलुक इंडेक्स 75 के स्तर पर रह सकता है। 2015-16 में
इंडेक्स औसतन 70 सेंट दर्ज किया गया था।
चीन शुरू करेगा नीलामी
ICAC के मुताबिक चीन की सरकार अपने कपास स्टॉक में से 6 मार्च से निलामी शुरू कर सकती है और रोजाना करीब 3,000 टन कॉटन की नीलामी होने का अनुमान है और भाव बढ़ने की स्थिति में नीलामी अगस्त तक बनी रहेगी।
भारत में बढ़ सकता है उत्पादन
ICAC के मुताबिक इस साल अच्छा भाव मिलने की वजह से अगले कपास सीजन 2017-18 के दौरान भारत में उत्पादन करीब 2 फीसदी बढ़कर 59 लाख टन यानि करीब 347 लाख गांठ (170 किलो) तक पहुंच सकता है।
वैश्विक स्तर पर उत्पादन के मुकाबले खपत ज्यादा
रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कपास की खपत उत्पादन के मुकाबले ज्यादा होने का अनुमान है, अगले सीजन में वैश्विक स्तर पर खपत 243.3 लाख
टन और उत्पादन 231.1 लाख
टन होने का अनुमान लगाया गया है। ज्यादा खपत की वजह से अगले सीजन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कपास का एंडिंग स्टॉक घटकर सिर्फ 166.6 लाख
टन बचने का अनुमान लगाया गया है।
चीन सहित बांग्लादेश और वियतनाम में बढ़ेगा आयात
रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 के दौरान चीन, सहित बांग्लादेश और वियतनाम में कपास की खपत में बढ़ोतरी होने की संभावना है, तीनों देश दुनियाभर में कपास के सबसे बड़े आयातक हैं। चीन की खपत 77 लाख टन, बांग्लादेश की खपत 15 लाख टन और वियतनाम की खपत 12 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है।
2017-18 में चीन का आयात 11 फीसदी बढ़कर 11 लाख टन, बांग्लादेश का आयात 3 फीसदी बढ़कर 15 लाख टन और वियतनाम का आयात 7 फीसदी
बढ़कर 12.4 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है।
भारत और अमेरिका से बढ़ेगा एक्सपोर्ट
अगले सीजन में भी अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा कपास निर्यातक बना रह सकता है, 2017-18 में
अमेरिका का एक्सोपर्ट 5 फीसदी बढ़कर 29 लाख टन रहने
का अनुमान है जबकि भारत दूसरा बड़ा एक्सपोर्टर रहेगा और भारत का एक्सपोर्ट करीब 3 फीसदी बढ़कर 9.90 लाख टन होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
Source: MarketTimesTv
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