हालांकि मौसम विभाग ने कहा है कि अलनीनो को लेकर अभी किसी भी तरह की भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगा, मौसम विभाग में क्लाइमेट रिसर्च विभाग के मुखिया ए के सहाय के मुताबिक अलनीनो की वजह से मानसून को लेकर कोई भी भविष्यवाणी करना अभी जल्दबाजी होगा, मौसम विभाग के मुताबिक इसके लिए अप्रैल तक का इंतजार करना होगा।
2014 में अलनीनो की वजह से मानसून सीजन के दौरान औसत के मुकाबले 88 फीसदी और 2015 में सिर्फ 86 फीसदी बरसात हुई थी। मानसून सीजन में अगर बरसात 90 फीसदी से कम होती है तो सूखाग्रस्त घोषित कर दिया जाता है। 2016 में अलनीनो के विपरीत लानीना का प्रभाव देखने को मिला था, लानीना की वजह से बरसात ज्यादा होती है, इसी वजह से 2016 में औसत बारिश दर्ज की गई थी।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि 2017 में भी लानीना का प्रभाव बना रहेगा लेकिन अब दुनियाभर के मौसम वैज्ञानिक मान रहे हैं कि लानीना का प्रभाव खत्म हो चुका है और 2017 में अलनीनो की शुरुआत हो जाएगी।
Source: MarketTimesTv
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