आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद मंत्रालय का मानना है कि विपणन वर्ष 2016-17 (अक्टूबर से सितंबर) में देश का कुल चीनी उत्पादन 2.25 करोड़ टन होने का अनुमान है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में अप्रैल-मई में मध्यवर्ष गन्ना फसल से संभावित चीनी उत्पादन आंकड़ों पर गौर करने के बाद ही उत्पादन के आंकड़ों को संशोधित किया जाएगा। सही नीतिगत फैसला लेने के लिए चीनी उत्पादन के वास्तविक तस्वीर को प्राप्त करने के लिए अधिकारी ने कहा, राज्यों को कहा गया है कि वे खेत के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए और चीनी उद्योग द्वारा रखे जाने वाले उपग्रहीय चित्रों की मदद लेकर अपनी ओर से संभावित गन्ना उत्पादन के आंकड़ों को दोबारा जांचे। उन्हें कहा गया है कि वे केवल कृषि मंत्रालय के गन्ना उत्पादन आंकड़ों पर ही भरोसा किए न बैठे रहें।
अधिकारी ने कहा कि राज्यों से कहा गया है कि वे राज्यों के औसत उत्पादन के आंकड़ों के बजाय मिलवार चीनी उत्पादन के आंकड़ों को संग्रहित करें ताकि इस बात को जांचा जा सके कि कहीं चीनी मिलें कम उत्पादन का आंकड़ा तो नहीं पेश कर रही हैं। अधिकारी ने कहा, ऐसी संभावनाएं हैं कि चीनी मिलें कम उत्पादन के अनुमान दे रही हों, मिलवार चीनी उत्पादन का आंकड़ा वास्तविक तस्वीर प्राप्त करने में मदद करेगा। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक मगर विशालतम उपभोक्ता देश भारत में चीनी उत्पादन वर्ष 2016-17 में कम रहने का अनुमान है जिसका कारण सूखे के कारण दो प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र और कर्नाटक में संभावित उत्पादन में गिरावट है। विपणन वर्ष 2015-16 में देश में चीनी उत्पादन 2.51 करोड़ टन का हुआ था।





