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Wednesday, November 23, 2016

जौ बुआई में भारी गिरावट, ज्यादा भाव से भी नहीं बढ़ पा रही खेती





देश में इस साल जौ की कीमतें आसमान पर हैं लेकिन इसके बावजूद बरसात की कमी की वजह से इसकी बुआई में भारी गिरावट देखी जा रही है। मार्केट टाइम्स को कृषि मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल जौ की खेती औसत के मुकाबले तो पिछड़ी है ही साथ में पिछले साल के मुकाबले भी कम दर्ज की जा रही है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 17 नवंबर तक देशभर में सिर्फ 1.80 लाख हेक्टेयर में जौ की खेती दर्ज की गई है।

सामान्य तौर पर 17 नवंबर तक देशभर में करीब 3 लाख हेक्टेयर में जौ की बुआई हो जाती है लेकिन इस साल बरसात की कमी ज्यादा दिख रही है जिस वजह से बुआई में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल इस दौरान देश में 1.89 लाख हेक्टेयर में जौ की फसल लग चुकी थी। पूरे सीजन के दौरान देशभर में औसतन 6.85 लाख हेक्टेयर में जौ की फसल लगती है।

जौ की सबसे ज्यादा पैदावार राजस्थान में होती है और वहां भी बुआई पिछड़ी हुई है, कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में 17 नवंबर तक 1.05 लाख हेक्टेयर में जौ की फसल दर्ज की गई है जबकि औसतन इस दौरान वहां पर करीब 1.5 लाख हेक्टेयर में खेती हो जाती है। पिछले साल इस दौरान राजस्थान में करीब 1 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।

देश में इस साल जौ की कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक गई हैं, नवंबर की शुरुआत में वायदा बाजार में जौ का भाव 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया था जो अबतक का सबसे ज्यादा भाव है, लेकिन ज्यादा भाव के बावजूद बुआई में इजाफा नहीं हो पा रहा है।