कच्चे तेल की कीमतों में लंबे समय तक तेजी टिकने की वजह से अमेरिका में शेल गैस की ड्रिलिंग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है जिस वजह से विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में एक बार फिर से नरमी आई है, हालांकि भाव अब भी 50 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर बना हुआ है, शुक्रवार को नॉयमेक्स पर कच्चा तेल करीब 25 सेंट की नरमी के साथ 50.40 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार करता हुआ देखा गया है। गुरुवार को भी विदेशी बाजार में करीब 2 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
शुक्रवार को विदेशी बाजार में आई नरमी का असर घरेलू बाजार पर भी दिख सकता है, कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर कच्चा तेल लाल निशान के साथ शुरुआत कर सकता है, गुरुवार कोMCX पर 77 रुपये की भारी गिरावट देखी गई है और भाव 3,395 रुपये पर बंद हुआ है।
दरअसल बीते करीब 2 हफ्ते से विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव 50 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर टिका हुआ है, भाव ऊपरी स्तर पर होने की वजह से अमेरिका में कच्चे तेल की ड्रिलिंग में फिर से रिकवरी आने की संभावना जताई जा रही है, आज शाम को अमेरिका में ऑयल रिग्स के आंकड़े जारी होने हैं और ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार फिर से ऑयल रिग्स में इजाफा देखने को मिल सकता है।
शुक्रवार को विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई नरमी की वजह डॉलर में तेजी को भी माना जा रहा है। गुरुवार को यूरोपियन सेंट्रल बैंक यानि ECB ने ब्याज दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं कि है, इसके बाद अमेरिकी करेंसी में एकतरफा तेजी देखने को मिली है, डॉलर इंडेक्स फिलहाल 98.56 के स्तर पर कारोबार कर रहा है जो करीब 7 महीने में सबसे ऊपरी स्तर है। डॉलर की तेजी की वजह से कमोडिटी बाजार में अधिकतर कमोडिटीज पर दबाव बना हुआ है।