भारत से निर्यात होने वाले मसालों की क्वॉलिटी को लेकर सावधानी अपनाते हुए भारतीय मसाला बोर्ड ने जापान को निर्यात होने वाले मसालों के लिए निर्यात नियम कड़े कर दिए हैं। शुक्रवार को मसाला बोर्ड ने इस सिलसिले में सर्कुलर जारी किया है।
सर्कुलर के मुताबिक जापान को निर्यात होने वाले मसालों यानि लाल मिर्च, जीरा, हल्दी, काली मिर्च, मेथी और छोटी इलायची के निर्यात से पहले इन मसालों की सेंपलिंग और टेस्टिंग को जरूरी किया गया है और टेस्टिंग के बाद क्वॉलिटी का प्रमाणपत्र मिलने के बाद ही निर्यात की इजाजत होगी। स्पाइसेज बोर्ड के मुताबिक यह नियम 17 अक्टूबर यानि सोमवार से लागू हो जाएगा। स्पाइसेज बोर्ड ने क्वॉलिटी टेस्टिंग की पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर दी हुई है।
गौरतलब है कि जापान भारतीय मसालों का बड़ा खरीदार है, वित्तवर्ष 2015-16 के दौरान जापान ने भारत से करीब 10,045 टन मसालों की खरीद की है जबकि 2014-15 में उसकी खरीद 10,477 टन दर्ज की गई है। ऐसे में जापान को निर्यात होने वाले मसालों की क्वॉलिटी को लेकर किसी तरह का विवाद न पैदा हो इसके लिए स्पाइसेज बोर्ड ने पहले ही कदम उठा लिया है। इससे पहले भी अमेरिका को निर्यात हुए जीरे की क्वॉलिटी को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं जिसके बाद स्पाइसेज बोर्ड ने जीरा निर्यात के नियम भी कड़े किए थे।
Source: MarketTimesTV