ऑयल मिलों की मांग घटने और अन्य तिलहन में आई गिरावट की वजह से सरसों के भाव में एकतरफा गिरावट देखी जा रही है। वायदा बाजार में सरसों का भाव घटकर 4,527 रुपये प्रति क्विंटल के निचले स्तर तक आ चुका है जो करीब 11 हफ्ते में सबसे कम भाव है।
ऊपरी भाव पर ऑयल मिलों की मांग में कमी देखने को मिली है जिस वजह से सरसों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है, इसके अलावा देश में पैदा होने वाले अन्य तिलहन सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट आई है जिसका असर भी सरसों के भाव पर दिखा है। इस साल देश में सरसों की पैदावार भी पिछले साल के मुकाबले ज्यादा होने का अनुमान है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2015-16 के दौरान देश में करीब 68.21 लाख
टन सरसों पैदा होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 62.82 लाख
टन सरसों का उत्पादन हुआ था। सरकार के अलावा इंडस्ट्री ने भी 2015-16 के दौरान ज्यादा सरसों पैदा होने का अनुमान लगाया है। इंडस्ट्री के मुताबिक 2015-16 के दौरान देश में करीब 56 लाख टन सरसों पैदा हुई है जबकि पिछले साल 49 लाख टन का उत्पादन हुआ था।