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Thursday, April 6, 2017

Updates on Bullion, Base Metals and Energy Levels 06th April 17






Gold futures ended lower on Wednesday as encouraging economic data boosted risk appetite and fueled speculation that the Federal Reserve will again raise interest rates before summer. According to the report of payroll processor ADP, Employment in the US private sector increased by much more than anticipated in the month of March. ADP reported that private sector employment soared by 263,000 jobs in March compared to economist estimates for an increase of about 187,000 jobs. Meanwhile, the traders are now anticipating a strong US job report from the Labour Department on Friday.


Crude oil futures though managed a positive close on Wednesday but came sharply lower from the day’s high after a surprising build in U.S. oil inventories. A stronger dollar also weighed on commodities prices, as traders reacted to a very strong ADP private sector jobs report. Meanwhile, the Energy Information Administration (EIA) said inventories rose by 1.6 million barrels. Gasoline inventories fell by around 0.618 million barrels, while distillate stockpiles fell by 0.536 million barrels. The surprise build in U.S. crude stockpiles confounded expectations that U.S. demand for oil would start to pick up ahead of the ‘summer driving season’.



Copper futures traded down on MCX as speculators offloaded their bets, amid muted demand at the domestic spot markets. Moreover, weakness in select base metals at the London Metal Exchange (LME) too fueled the downtrend.




Technical Level





Gold (June)



Gold Support at 28700 and Resistance at 29000.

Break and sustain below 28700 will take it to 28550---28400 else could touch its resistance level of 29000 again.

Further upside rally will see only above 29000 mark






Silver 





Support at 42175 and Resistance 42400

Below 42150 it can touch 41900—41500 and then to 41200 mark else couch its resistance level of 42400 again

Fresh buying can be initiated above 42850






Crude Oil 




Support at 3300--3280 and Resistance 3370

Looks weak and could touch its support level of 3300—3280, further downside panic will see below 3280 mark, else could touch its resistance level of 3370.

Trade with levels only







Copper 



Support at 376--373 and Resistance at 386--389

Trading in range either side breakout with volumes will decide further till then trades can trade in range with strict stop loss.














www.indianmarketview.com


देश में इस साल गेहूं की पैदावार को लेकर सरकार ने जो अनुमान लगाया है उत्पादन उससे भी 20-25 लाख टन अधिक हो सकता है, करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने यह दावा किया है, अंग्रजी समाचार पत्र इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक का मानना है कि इस साल गेहूं उत्पादन 970-980 लाख टन को पार कर सकता है, यहां तक की 1000 लाख टन के स्तर को भी छू सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक हाल के दिनों में तापमान में बढ़ोतरी के बावजूद इस साल गेहूं की पैदावार में जोरदार इजाफा होने की संभावना है, वैज्ञानिक का दावा है कि तापमान में अगर 20-25 दिन पहले बढ़ोतरी होती तो गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता था लेकिन अब फसल को किसी तरह का नुकसान होने की आशंका नहीं है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी 2016-17 के लिए दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस साल देश में गेहूं उत्पादन 966.4 लाख टन हो सकता है, अगर उत्पादन इस स्तर तक पहुंचता है तो अबतक की सबसे अधिक पैदावार होगी, साल 2013-14 के दौरान देश में 958.5 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जो अबतक का रिकॉर्ड है। भारतीय कृषक समाज के चेयरमैन वीर जाखड़ के मुताबिक इस साल पंजाब और हरियाणा में गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है, पंजाब में प्रति हेक्टेयर करीब 55 क्विंटल गेहूं पैदा होने की संभावना जताई जा रही है, ऐसे में इस साल गेहूं के उत्पादन की कोई संभावना नहीं है और सिर्फ गेहूं के आयातक ही कम उत्पादन को लेकर भ्रांती फैला रहे हैं।







देश में इस साल गेहूं की पैदावार को लेकर सरकार ने जो अनुमान लगाया है उत्पादन उससे भी 20-25 लाख टन अधिक हो सकता है, करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने यह दावा किया है, अंग्रजी समाचार पत्र इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक का मानना है कि इस साल गेहूं उत्पादन 970-980 लाख टन को पार कर सकता है, यहां तक की 1000 लाख टन के स्तर को भी छू सकता है।


रिपोर्ट के मुताबिक हाल के दिनों में तापमान में बढ़ोतरी के बावजूद इस साल गेहूं की पैदावार में जोरदार इजाफा होने की संभावना है, वैज्ञानिक का दावा है कि तापमान में अगर 20-25 दिन पहले बढ़ोतरी होती तो गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता था लेकिन अब फसल को किसी तरह का नुकसान होने की आशंका नहीं है।


केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी 2016-17 के लिए दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस साल देश में गेहूं उत्पादन 966.4 लाख टन हो सकता है, अगर उत्पादन इस स्तर तक पहुंचता है तो अबतक की सबसे अधिक पैदावार होगी, साल 2013-14 के दौरान देश में 958.5 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था जो अबतक का रिकॉर्ड है।

भारतीय कृषक समाज के चेयरमैन वीर जाखड़ के मुताबिक इस साल पंजाब और हरियाणा में गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है, पंजाब में प्रति हेक्टेयर करीब 55 क्विंटल गेहूं पैदा होने की संभावना जताई जा रही है, ऐसे में इस साल गेहूं के उत्पादन की कोई संभावना नहीं है और सिर्फ गेहूं के आयातक ही कम उत्पादन को लेकर भ्रांती फैला रहे हैं। 






Source: MarketTimesTv











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दुनियाभर में कच्चे तेल के सबसे बड़े कंज्यूमर अमेरिका में कच्चे तेल का स्टॉक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है जिस वजह से इसकी कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। नायमेक्स पर कच्चे तेल का भाव आधा फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 50.85 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है, विदेशी बाजार में आई इस गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी दिख सकता है, बुधवार को कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर कच्चा तेल हल्की बढ़त के साथ 3335 रुपये पर बंद हुआ है। अमेरिका में कच्चे तेल का स्टॉक एक बार फिर से नई रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया है, अमेरिकी ऊर्जा विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते कच्चे तेल के स्टॉक में करीब 15.2 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई है और यह 53.55 करोड़ बैरल तक पहुंच गया है जो अबतक का सबसे अधिक स्तर है। अमेरिका में कच्चे तेल के स्टॉक में बढ़ोतरी की वजह वहां पर उत्पादन में हो रहे इजाफे को माना जा रहा है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के मुताबिक 2016 के मध्य से लेकर अबतक अमेरिका में कच्चे तेल के स्टॉक में करीब 9 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है, रोजाना उत्पादन बढ़कर 92 लाख बैरल तक पहुंच गया है, 2014 के अंत और 2015 की शुरुआत में जब कच्चे तेल के बाजार में गिरावट हावी हुई थी तब भी अमेरिका में उत्पादन इसी स्तर के करीब था।







दुनियाभर में कच्चे तेल के सबसे बड़े कंज्यूमर अमेरिका में कच्चे तेल का स्टॉक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है जिस वजह से इसकी कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। नायमेक्स पर कच्चे तेल का भाव आधा फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ 50.85 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है, विदेशी बाजार में आई इस गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी दिख सकता है, बुधवार को कमोडिटी एक्सचेंज MCX पर कच्चा तेल हल्की बढ़त के साथ 3335 रुपये पर बंद हुआ है।


अमेरिका में कच्चे तेल का स्टॉक एक बार फिर से नई रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया है, अमेरिकी ऊर्जा विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले हफ्ते कच्चे तेल के स्टॉक में करीब 15.2 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई है और यह 53.55 करोड़ बैरल तक पहुंच गया है जो अबतक का सबसे अधिक स्तर है।


अमेरिका में कच्चे तेल के स्टॉक में बढ़ोतरी की वजह वहां पर उत्पादन में हो रहे इजाफे को माना जा रहा है। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के मुताबिक 2016 के मध्य से लेकर अबतक अमेरिका में कच्चे तेल के स्टॉक में करीब 9 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है, रोजाना उत्पादन बढ़कर 92 लाख बैरल तक पहुंच गया है, 2014 के अंत और 2015 की शुरुआत में जब कच्चे तेल के बाजार में गिरावट हावी हुई थी तब भी अमेरिका में उत्पादन इसी स्तर के करीब था। 




Source: MarketTimesTv


















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अंतरराष्ट्रीय : फेड के मिनिट्स से बिगड़ी अमेरिकी बाजार की चाल, एशियाई मार्केट्स भी फिसले





2 लाख रुपये से ऊपर कैश लेन-देन पर रोक के नियम को खत्म करने की मांग को लेकर राजस्थान के व्यापारी वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल से अब शुक्रवार को मिलेंगे, पहले व्यापारियों की वित्त राज्यमंत्री के साथ आज सुबह 9 बजे बैठक होनी थी लेकिन अब इस बैठक को शुक्रवार के लिए टाल दिया गया है। राजस्थान के व्यापारियों के संगठन राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ यानि RKPVS ने मार्केट टाइम्स को यह जानकारी दी है।

केंद्र सरकार ने 2 लाख रुपये से ऊपर के कैश लेन-देन की रोक का जो नियम बना रखा है, व्यापारी उसका विरोध कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस समय राजस्थान में रबी फसलों की भारी आवक हो रही है और किसान अपनी फसल बेचने के समय नकद कैश की मांग कर रहे हैं, कई व्यापारी ऐसे हैं जो 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की फसल बेच रहे हैं और पूरी पेमेंट कैश में मांगते हैं लेकिन 2 लाख से ज्यादा कैश नहीं देने के नियम की वजह से व्यापार नहीं हो पा रहा है।


RKPVS के मुताबिक किसानों की पूरी पेमेंट के लिए व्यापारी चेक या फिर इलेक्ट्रोनिक तरीके से भुगतान करना चाहता है लेकिन किसान तो चेक से और ही इलेक्ट्रोनिक तरीके से पेमेंट ले रहा है, किसान पूरी तरह से कैश की मांग ही कर रहा है।

RKPVS के मुताबिक इस समस्या का हल करने के लिए शुक्रवार को उनका प्रतिनिधिमंडल वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल से मुलाकात कर रहा है और वित्तमंत्री से इस नियम को पूरी तरह खत्म करने की मांग करेगा। लेकिन फिर भी सरकार ने बात नहीं मानी तो 20 अप्रैल को संगठन के सभी व्यापारी, उद्योगों और संबधित सदस्यों की आमसभा बुलाई जाएगी और उसमें आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। 






Source: MarketTimesTv












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